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  • aruna posted an update 13 years ago

    एक सैनिक भाई की पाती बहन के नाम
    एक पाती
    भीग गया हूँ नेह मेह से , तेरे धागे के स्नेह से
    सजा हुआ है ये कलाई पर , स्म्रतियां कर गयी अंतर तर
    नन्ही गुडिया सी तू मन में , वही छवि जो थी बचपन में
    तू मेरी बहना है प्यारी ,अब तो तेरे कन्धों पर ही छोड़ चला हूँ ज़िम्मेदारी
    मोर्चे से उठ रही पुकार , दुश्मन रहा हमें ललकार
    क़र्ज़ दूध का चला चुकाने , आज़ादी के गा तराने
    ठान लिया है में सीमा से ,दुश्मन को मार भगाऊंगा
    सफल नहीं हो सका यदि ,सीने पर गोली खाऊंगा
    आंच न आने दूंगा में ,भारत माँ की आन पर
    हँसते -हँसते ओढ़ तिरंगा , खेल जाऊँगा जान पर