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  • jyoti posted an update 12 years, 7 months ago

    नव गीत —-
    साँस रखी दावं ……

    दहशत की धुंध से
    घबडाया गाँव
    भगदड़ में भागी
    धूप और छावं…………

    अपहरण गुंडागिरी
    खेत की सुपारी
    दरकी जमीन पर
    मुरझी फुलवारी
    मिटटी को पूर रहे
    छिले हुए पांव…………

    कटा फटा जीवन
    खूटी पर लटका
    रोटी की खातिर
    गली गली भटका
    जीवन के खेल में
    साँस रखी दांव………..

    प्यासों का सूखा
    इकलौता कुंवा
    उड़ लाशों का
    मटमैला धुआं
    चुल्लू भर झील में
    डूब रही नाँव…………..
    “ज्योति खरे ”