-
Himanshu wrote a new post 11 years, 5 months ago
कोयल की मधुर वाणी न मैं श्रृंगार लिखता हूँ
कलम को खून से भरकर ग़ज़ल अंगार लिखता हूँवीरों का यहाँ रुसवा रोज़ बलिदान होता है
वतन की आन पर आघात यहाँ नादान होता है
कोई सौ क़त्ल करके भी चैन की नींद सोता है
कोई […] -
Himanshu wrote a new post 12 years, 6 months ago
था कभी सोने कि चिड़िया, देश मेरा किसी काल में ।
पर लग गयी इसको नज़र, डाला फिर डेरा काल नें ।
आए बहेलिये परदेस से, इसको फंसाने जाल में ।
आकाश में फिर उड़ सके, छोड़ा नहीं इस हाल में ।छाया अँधेरा देश पर, सब लोग […]
-
Himanshu changed their profile picture 12 years, 6 months ago
-
Himanshu became a registered member 12 years, 6 months ago