ramakant

  • ramakant posted an update 11 years, 3 months ago

    राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय अशोक को समर्पित मेरी एक पुरानी कविता है जिसका शीर्षक है
    ” प्राचीन काल का महान अशोक और वर्त्तमान का गहलोत अशोक” !!!!
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    स्वच्छ छवि बेदाग़ है दामन,
    और नही कोई आरोप,
    सुख-दुःख का सच्चा सहभागी,
    जनहितकारी जिसकी सोच,
    विकास की पहचान बना है,
    और कहलाता गहल…[Read more]

  • ramakant posted an update 11 years, 3 months ago

    धूमिल पड़ चुकी आशाओ में,
    नवजीवन का रस तू घोल,
    सुप्त पड़ा है क्यों जनमानस,
    कब से रक्त रहा है खौल,
    तलवारों पर लगा लहू,
    अब हल्ला-बोल.. हल्ला-बोल,
    पहचान तू प्यारे अपनी ताकत,
    मत तू इसको कमतर तौल,
    बंद पड़े खिड़की दरवाजे,
    साहस के अश्वों को खोल,
    सोई पड़ी सरकारे देखो !,
    हल्ला-बोल… हल्ला-बोल ,
    सामंत गये एक अरसा बीता,
    अब तो लोकतंत्…[Read more]

  • ramakant changed their profile picture 11 years, 4 months ago

  • ramakant posted an update 11 years, 4 months ago

    https://www.gauravgatha.org/ये राणा की धरती है……!!!!!!**********************सूरज की पहली किरणे,इस पुण्य धरा पर पड़ती है,ये राणा की धरती है,ये राणा की धरती है..!!मर जाते है, मिट जाते है ,आन-बान पे अड़ जाते है,ये पुष्प सुमन सिर वीरों के, और ललनाओ की जगती हैये राणा की धरती है,ये राणा की धरती है..!!केसर सी महकती है ये माटी,र…[Read more]– ramakant (@ramakant) November 16, 2013

    ये राणा की धरती है……!!!!!!
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    सूरज की पहली किरणे,
    इस पुण्य धरा पर पड़ती है,
    ये राणा की धरती है,ये राणा की धरती है..!!
    मर जाते है, मिट जाते है ,
    आन-बान पे अड़ जाते है,
    ये पुष्प सुमन सिर वीरों के,
    और ललनाओ की जगती है
    ये राणा की धरती है,ये राणा की धरती है..!!
    केसर सी महकती है ये माटी,
    र…[Read more]

  • ramakant became a registered member 11 years, 4 months ago