Ravi

  • marut wrote a new post 11 years, 5 months ago

    कितना सहा है इसने, बरसों से रात का डर |
    कोई तो सुबह हो अब कि धरती ये रोशन हो ||

    ये तंत्र हो चुका है, जर्जर, गुलाम तम का |
    कुछ दीप तो जलें यूँ, अंधेरा ये दफ़न हो ||
    कोई तो सुबह हो…

    नेत्रत्व करे जग का, […]