Subhangini

  • एक अनकही कहानी लबज़ों की जुस्तजू मे भटक रही है कहीं,
    ए कलम,तू करे मदद तो मिले पहचान उसे खुद मे ही…
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    कुछ आदम्या एहससों ने बना लिया है दिल मे ही अपना आशियाना,
    ए कलम,तू करे मदद तो सारे जज़्बात बाहर आएँगे तो […]

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