Vaibhav Manusmare

  • लम्हे की चिँगारी को आग मे बदलना सिखो,
    जिँदगी मे खुद की वजह धुंडना सिखो ।
    ये वक्त तुम्हारा ही है, जो किसीने छिन लिया है,
    अपनी आझादी की लढाई अब तुम भी लढना सिखो ।

    पनाह दो सपनो को अपने दिलो मे,
    तुम खुद मे ही […]

  • Vaibhav Manusmare became a registered member 12 years, 8 months ago