शीर्षक-कुर्बान हो जाऊं
जब जाना है एक दिन तो क्यों ना देश के खातिर क़ुर्बान हो जाऊं,
दुश्मन की धरती पर तिरंगा है फहराना क़ुर्बान हो जाऊं,
जाने दो घर से मुझको,
मुश्किल है तुम्हे कह पाना,
पल भर की उदासी के खातिर,
ना देश का नुकसान हो जाये,
मां तुझपर संकट आये उससे पहले मैं क़ुर्बान हो जाऊं,
देश बचाऊं,देश बचाऊँ।
जिसे दुश्मन मार ना पाये,
बन जाऊं मैं ऐसी अविनाशी,
मर भी जाऊं तो क्या है,
याद करेंगे भारतवासी,याद करेंगे भारतवासी,
देश सूना हो उससे पहले मैं सुनसान हो जाऊं,
मां तुझपर संकट आये उससे पहले मैं क़ुर्बान हो जाऊं,
देश बचाऊं,देश बचाऊँ।
बचपन से सिखाया तूने,
देश के ही काम आना,
तूने बोला था माँ,
बेटी तू सैनिक बन जाना,×2
जिसे याद करेंगे बच्चे ऐसा बलिदान हो जाऊं,
मां तुझपर संकट आये उससे पहले मैं क़ुर्बान हो जाऊं,
देश बचाऊं,देश बचाऊँ।
भारत माँ पर मरना मुझपर मरने से पहले,
यही सिखाया तूने तुझसे सीखी जब बोली,
यह सौभाग्य होगा मेरा मां,
भारत के लिए खाऊँ सीने पर गोली,
देश की लाज बचाकर तेरा अभिमान हो जाऊं,
मां तुझपर संकट आये उससे पहले मैं क़ुर्बान हो जाऊं,
देश बचाऊं,देश बचाऊँ।
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