कल तक भी था, है आज भी,
आगे भी ये रहेगा |
था शीर्ष पर, है शीर्ष पर,
और शीर्ष पर रहेगा |
संघर्ष है इसके लिए,
इसपर समर्पित प्राण है |
भाल है अवनत सदा,
और चरणों में सम्मान है |
ऊंचे हिमालय के शिखर सा ,
है इसकी गौरव की कथा |
ना कर्म हो ऐसा कोई,
माँ के ह्रदय को हो व्यथा |
रहती ह्रदय में शांति,
और वीरता पहचान है |
धर्म है अपनी दया,
और होठों पर मुस्कान है |
ये छंद है उम्मीद के,
जो आदर में हैं शहीद के |
है अपनी भारत एक धागा,
हम सब हैं मोती सीप के |
मन में उमंगें और दिल में,
प्रेम का उफान है |
हमने देना भी है सीखा,
शत्रु को जीवनदान है |
करता नित्य प्रणाम है,
उषाकाल में ये दिनकर |
इतना शुद्ध है इसका कण-कण,
जितना पवित्र है पुष्कर |
जननी है भारत हमारी,
हमें इसका गुमान है |
हिंदी हैं हम, हिन्दू हैं हम,
हमसे हिन्दुस्तान है |
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