मेरे देश

तेरी मिट्टी ने मुझको बनाया
तेरे आँचल ने मुझको छिपाया
तू ही जीवन , तू ही परछाई
मेरे देश इतनी ममता
मैंने तुझसे पाई

मेरी साँसों में तेरी धडकन
मेरे सीने में समाया
एक तेरा ही दिल
आसमान से जमीं तक
तू ही मेरा हमराही
बोली से दिशा तक
तिरंगे की यहाँ परछाई
मेरे देश इतनी ममता
मैंने तुझसे पाई

मैंने हर शब्द में तुझको
बसाया
अपने हर गीत में
तुझको ही पाया
जमीं से फलक तक
साज से सुरों तक
कण -कण में फसल
तेरी लहराई
मेरे देश इतनी ममता
मैंने तुझसे पाई


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